पाकिस्तान के सैनिकों ने पुंछ में घात लगा कर 5 भारतीय सैनिकों को मार दिया है| इस मामले में आतंकवादियों के शामिल होने की भी खवरें हैं| भारत सरकार पवित्र रमजान के महीने की मर्यादा निभा रही है, जबकि पाकिस्तान में इस रमजान की मर्यादा का कोई मतलब नहीं है| पाकिस्तान के बार-बार के हमलों का मुह-तोड़ जबाब भारतीय सरकार क्यों नहीं दे रही है, किसी के कुछ समझ नहीं आ रहा है?
65 सालों में भी हमारे देश का विदेश-मंत्रालय अपने पैरों पर भी खड़ा नहीं हो पाया है, आखिर कब हमारा विदेश-मंत्रालय चलना सीखेगा? ऐसा लगता है कि जैसे हम 65 सालों से हाथ पर हाथ रख कर बैठे हुए हैं| यह हमारे विदेश मंत्रालय की नाकामी ही जाहिर होती कि हम अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर 65 सालों में पूरे सबूत और तथ्य साबित नहीं कर पायें हैं| सरकार और विदेश मंत्रालय को बताना होगा की 65 साल में अभी तक क्या किया है, अब तक का जमा-खर्च क्या है? खाली विदेशी दौरें और बातचीत? आखिर कब तक यह विदेशी दौरे और बातचीत चलती रहेंगीं?
बार-बार चर्चाएँ होती हैं कि बंगला-देश के नागरिक अवैध रूप से भारत में घुस जाते हैं और भारत की नागरिकता पा लेते हैं| भारत के नेता भारत में उन अवैध रूप से घुसे लोगों का वोट पाने के लालच में चुप-चाप यह तमाशा देखते रहते हैं| ऐसे लोगों की वोटर ID भी बन जाती हैं| बंगला-देश की अवैध घुसपैठ के बाद लगता है की पाकिस्तान के वोटरों का लालच भारत के नेताओं को सता रहा है, वोटों के लालच के कारण ही शायद पाकिस्तान पर कार्यवाही नहीं की जाती है?
...पर कश्मीर के मामले में क्या है? कहीं ऐसा तो नहीं है कि कश्मीर में भी नकली वोटरों के नकली वोटर ID बन रहें हों? क्या वहाँ पर भी अवैध रूप से बाहर के लोग आ कर रहते हैं और वोट देतें हैं? अब वक्त आ गया है
भारत की जनता सरकार से जबाब मांग रही है, और सरकार को जबाब देना ही होगा| आखिर कब तक भारत की बेक़सूर गरीब जनता मरती रहेगी? जब तक कि पूरे 125 करोड़ लोग मार नहीं जाते? जब इस देश में कोई नहीं बचेगा तो इस देश के नेता तब किस पर राजनीती करेंगे, क्या लाशों पर?
अगर हम लोग अब भी नहीं चेते तो हर बार की तरह इस बार भी हमारी नरमाई को हमारी कमजोरी ही समझा जायेगा| सब जानते हैं कि जब अमेरिका पर कोई हमला करता है तो अमेरिका कार्यवाही करके कितना कठोर जबाब देता है! हम कब अमेरिका जैसे मजबूती से जबाब दे पाएंगे? अपनी रक्षा में और दुश्मनों को जबाब देने में क्या दोष है?
हमारे देश के एक गुरु, "श्री गुरु गोविन्द सिंह जी ने कहा था कि सवा लाख से एक लडाऊं" | लगता है हमारे प्रधान मंत्री माननीय श्री मनमोहन सिंह जी इस बात को पूरी तरह से भूल चुके हैं| यह वास्विकता है कि श्री मनमोहन सिंह जी भी गुरु गोविन्द सिंह जी का प्रतिनिधित्व करते हैं| हमारे शीर्ष नेताओं को अपनी कमजोरी और वोटों की राजनीती छोड़कर कठोरतम कदम उठा कर जबाबी कार्यवाही करनी ही होगी| यह देश केवल यहाँ के नेताओं का ही नहीं है बल्कि यहाँ की जनता का है, अब तो नेताओं को इसका जबाब देना ही होगा| देश की जनता को ऐसे मरने नहीं दिया जा सकता |
रक्षा विशेषज्ञ, सेना के अधिकारी और इस देश की जनता सभी मांग कर रही है कि हमे कड़े से कड़ा जबाब दुश्मनों को देना चाहिए| कठोर फैसले लेने में लचर यह सरकार कह रही है की अभी पूरी जानकारी आ जाने दीजिये | यह निश्चित है कि इस हमले की हमसे ज्यादा जानकारी अमेरिका के पास पहुँच चुकी होगी| आखिर हम कौन से युग में जी रहें हैं? जोश में होश नहीं खोना चाहिए यह बात सही है...पर 65 सालों तक हाथ पर हाथ रख नही बैठ जाना चाहिए|
हर घटना के बाद हमारे नेता यही जबाब देते हैं कि "अगली बार अगर कुछ किया तो हम छोड़ेंगे नहीं, सख्त कार्यवाही करेंगे|" लेकिन कब, कब करेंगे कार्यवाही? कितना इंतजार करे भारत की जनता ? इस देश के शीर्ष नेताओं को अब इसका जबाब देना ही होगा| बहुत सब्र हो चूका है| अगर इस मोजुदा सरकार ने कोई कठोर कदम नहीं उठाया तो इस सरकार पर आक्षेप लगना निश्चित है| अच्छा होगा भारत सरकार इस मसले को भारत की जनता के हवाले कर दे| भारत का एक-एक नागरिक अगर पाकिस्तानियों के कान के नीचे दो-दो हाथ भी लगाएगा तो उन लोगों के दिमाग ठिकाने आ जायेंगे| जनता जब अपनी पर आ गयी तो किसी को छोड़ेगी नहीं| दुनिया के नक्शों से दुश्मनों का नाम-ओ-निशान मिटा देंगे, जैसे बच्चे मिटाते हैं रबड़ से|
समय जरुर बिता है पर 15 अगस्त का वो पवित्र दिन फिर आ गया है, वही 15 अगस्त, 1947 वाला, केवल सन बदला है 2013, लेकिन अब वो आजादी वाली ग़लतियाँ दुबारा नहीं दोहराही जाएँगी|
...आखिर हम कब तक एक गाल पर थप्पड़ खा कर दूसरा गाल आगे करते रहेंगे? दुसरे गाल पर थप्पड़ खाने की यह निति बदलने का वक्त आ गया है| अब हम थप्पड़ नहीं खायेंगे, अब हम थप्पड़ खिलाएंगे|
No comments:
Post a Comment